'भक्ति भजन संगीत'
अब किसी महफ़िल मे जाने की हमे फुर्सत नहीं
दुनिया वालो को मानने की हमे फुर्सत नहीं
1 -एक दिल है जिसमे मेरा ,बस गया है सावरा -२
अब कहीं दिल को लगाने की हमे फुर्सत नहीं
दुनिया वालों को. .... ..... ..... ...... ..... .. ...
2 -ये जो आँखे हैं हमारी मिल गयी है श्याम से -2
अब कही आँखे मिलने की हमे फुर्सत नहीं
दुनिया वालों को..... ... .... .. .. .. ..... ..... ..
3 -एक सर है झुक गया जो आपके दरबार मे -2
अब कही सर को झुकाने की हमे फुर्सत नहीं
दुनिया वोलो को...... ..... ....... ........ .........
4 - बेवफा दुनिया ये हमसे पुछती है क्या हुआ
अब किसी को कुछ बताने की हमे फुर्सत नहीं
दुनिया वालो को..... ..... ...... ...... ...... .......
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